नबवी जीवन खंड
उत्तर- जब आप पैंतीस वर्ष के थे तो क़ुरैश ने काबा को दोबारा बनाया।
जब वे लोग झगड़ पड़े कि हजर-ए-असवद (काला पत्थर) को उसकी जगह पर कौन रखेगा, तो उन लोगों ने आपको जज बनाया। आपने उसको एक कपड़ा में रखा और हर क़बीला को आदेश दिया कि एक एक कोना पकड़ें, वे कुल चार क़बीले थे। जब वे लोग उसको उठाकर उसकी जगह पर ले आए तो आप सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने अपने हाथ से उसको उसकी जगह में रख दिया।
उत्तर- अल्लाह तआला का यह कथन: (ٱقۡرَأۡ بِٱسۡمِ رَبِّكَ ٱلَّذِي خَلَقَ 1) ''अपने रब के नाम से पढ़, जिसने पैदा किया"। (خَلَقَ ٱلۡإِنسَـنَ مِنۡ عَلَقٍ 2) "जिसने मनुष्य को रक्त के लोथड़े से पैदा किया"। (ٱقۡرَأۡ وَرَبُّكَ ٱلۡأَكۡرَمُ 3) :पढ़ और तेरा रब बड़ा करम (उदारता) वाला है"। (ٱلَّذِي عَلَّمَ بِٱلۡقَلَمِ 4) "जिसने क़लम के द्वारा सिखाया"। (عَلَّمَ ٱلۡإِنسَـنَ مَا لَمۡ يَعۡلَمۡ 5) "उसने इनसान को वह सिखाया, जो वह नहीं जानता था''। [सूरा अल-अलक़: 1-5]
उत्तर- मुश्रिकों अर्थात बहुदेववादियों ने आप को तथा मुसलमानों को बहुत कष्ट दिया, यहाँ तक कि मुसलमानों को हब्शा में नजाशी बादशाह की ओर हिजरत (पलायन) करने की अनुमति दे दी गई।
मुश्रिकों ने नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम को तकलीफ़ देने एवं आपकी हत्या करने पर सहमति कर ली, तो अल्लाह ने आपको बचाया और आपके चचा को आपके इर्द-गिर्द दीवार बनाकर खड़ा कर दिया ताकि वह आपको उनसे बचाएं।
उत्तर- अल्लाह तआला का यह कथन: (وَٱتَّقُوا يوۡمًا تُرۡجَعُونَ فِيهِ إِلَى ٱللَّهِۖ ثُمَّ تُوَفَّى كُلُّ نَفۡسٍ مَّا كَسَبَتۡ وَهُمۡ لَا يُظۡلَمُونَ 281) ''तथा उस दिन से डरो, जिसमें तुम अल्लाह की ओर लौटाए जाओगे, फिर प्रत्येक प्राणी को उसके किए हुए का पूरा बदला दिया जाएगा, तथा उनपर अत्याचार नहीं किया जाएगा''। [सूरा अल-बक़रा: 281]
उत्तर- 1- ख़दीजा बिन्त ख़ुवैलिद रज़ियल्लाहु अन्हा।
2- सौदा बिन्त ज़म्आ रज़ियल्लाहु अन्हा।
3- आइशा बिन्त अबू बक्र सिद्दीक़ रज़ियल्लाहु अन्हा।
4- हफ़्स़ा बिन्त उमर रज़ियल्लाहु अनहा।
5- ज़ैनब बिन्त ख़ुज़ैमा रज़ियल्लाहु अन्हा।
6- उम्मे सलमह हिन्द बिन्त अबू उमय्या रज़ियल्लाहु अन्हा।
7- उम्मे ह़बीबा बिन्त अबू सुफ़्यान रज़ियल्लाहु अन्हा।
8- जुवैरिया बिन्त ह़ारिस रज़ियल्लाहु अन्हा।
9- मैमूना बिन्त ह़ारिस रज़ियल्लाहु अन्हा।
10- सफ़िय्या बिन्त ह़ुय्य रज़ियल्लाहु अन्हा।
11- ज़ैनब बिन्त जह़श रज़ियल्लाहु अन्हा।
उत्तर- तीन लड़के:
क़ासिम, इन्हीं की वजह से आपको अबु अल-क़ासिम कहा जाता है।
अब्दुल्लाह।
और इब्राहीम।
लड़कियां:
फ़ातिमा।
रुक़य्या।
उम्मे कुलसूम।
ज़ैनब।
इब्राहीम के अलावा आप सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम की सभी औलाद ख़दीजा रज़ियल्लाहु अन्हा से थीं, और सभी की मृत्यु आप से पहले ही हो गई थी, सिवाय फ़ातिमा (रज़ियल्लाहु अन्हा) के जिनकी मृत्यु आपके देहांत के छः महीने बाद हुई थी।